दोस्तों आज हम पढ़ेंगे, इलेक्ट्रिक वाहन क्या है? – What is Electric Vehicle in Hindi, इलेक्ट्रिक गाड़ियों का इतिहास – History of Electric Vehicle, इलेक्ट्रिक व्हीकल कैसे काम करता है? Working of Electric Vehicle, इलेक्ट्रिक व्हीकल के कार्य सिद्धान्त Working Principle of Electric Vehicle, इलेक्ट्रिक व्हीकल के मुख्य भाग – Parts of Electric Vehicle, इलेक्ट्रिक व्हीकल के लाभ Advantage of Electric Vehicle, इलेक्ट्रिक व्हीकल के नुकसान Disadvantage of Electric Vehicle, निष्कर्ष आदि, आर्टिकल को पूरा पढ़ें और हमें फीडबैक भी देना ना भूलें।
इलेक्ट्रिक वाहन क्या है? – What is Electric Vehicle in Hindi
बिजली से चलने वाले गाड़ियों को Electric Vehicle इलेक्ट्रिक व्हीकल EV कहा जाता है। Electric Vehicle इलेक्ट्रिक व्हीकल को EV के नाम से जाना जाता है। इस प्रकार के इलेक्ट्रिक व्हीकल्स Electric Vehicle में कोई दहन इंजन नहीं होता है, जो पेट्रोल और डीजल से चलने वाली होती है। Electric Vehicle इलेक्ट्रिक कारों में पॉवर का सोर्स बैटरी होती है। ईंधन के रूप में बैटरी को चार्ज किया जाता है। बैटरी में इलेक्ट्रिसिटी को इकठ्ठा किया जाता है। बैटरी की यह इलेक्ट्रिक पावॅर को मैकेनिकल पावर में बदल दिया जाता है।
बिजली से चलने वाले गाड़ियों में बैटरी DC पावर पैदा करती है। गाड़ियों में 3 फेज AC इंडक्शन मोटर का इस्तेमाल किया जाता है। बैटरी के DC सप्लाई को इन्वर्टर के द्वारा AC में बदल दिया जाता है। इसमें AC सप्लाई को 3 फेज इंडक्शन मोटर चलाती है। मोटर के साथ ही गियर बॉक्स भी लगा होता है। Electric Vehicle इलेक्ट्रिक व्हीकल में इलेक्ट्रिक मोटर मैकेनिकल गियर बॉक्स को घुमाया जाता है। इसमें इलेक्ट्रिक पॉवर को मैकेनिकल पॉवर में बदला जाता है।
यह भी पढ़ें :- AC और DC मोटर में अंतर – Difference Between AC And DC Motor in Hindi
इलेक्ट्रिक गाड़ियों का इतिहास – History of Electric Vehicle
बिजली ने मानव जीवन के लिए एक IMPORTENT ईंधन के रूप में अपनी जगह बना ली है। बैंजामिन फ्रेंक्लिन ने बिजली के अविष्कार से दुनिया को एक बड़ा गिफ्ट दिया था। आज भी कई क्षेत्रों में बढ़ती टेक्नोलॉजी बिना इलेक्ट्रिसिटी पॉवर के संभव नहीं होती है।
बिजली के अविष्कार के बाद सन 1832 में स्कॉटलैंड के वैज्ञानिक रोबर्ट एंडर्सन ने किया था। इसके बाद 18 वी सदी के अंत और 19 वि सदी के स्टार्टिंग में इलेक्ट्रिक गाड़ियों का क्रेज बढ़ने लगा। 18 वी सदी के अंत में इलेक्ट्रिक की गाड़ियां बनायी गयी थी, जिन गाड़ियों की स्पीड 100 किलोमीटर/घंटे होती थी। जिनमे केमिल जेनान्जी की जमेस कंटेंट गाड़ियां भी शामिल हैं।
19 वी सदी के स्टार्टिंग में इलेक्ट्रिक गाड़ियां काफी फेमस हुए थे। इसमें इलेक्ट्रिक गाड़ियों के निर्माता ने भी अधिक दिलचस्पी दिखाई थी। सन 1900 से सन 1920 का समय इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए कॉम्पिटिशन का रहा था। एक तरफ ईंधन (तेल, गैस आदि) से चलने वाली गाड़िया थी दूसरी तरफ इलेक्ट्रिक से चलने वाली गाड़ियां थी।
इलेक्ट्रिक गाड़ियों में शोर नहीं होता था, प्रदूषण भी नहीं होता था, पर ईंधन से चलने वाली गाड़ियों की तुलना में इलेक्ट्रिक कार की कीमत बहुत अधिक होती थी। बिजली की सप्लाई भी नहीं हो पा रही थी। करंट लगने का भी खतरा रहता था। पेट्रोल और डीजल की गाड़ियों के लिए ईंधन आसानी से उपलब्ध हो जाता था। पेट्रोल और डीजल की गाड़ियों में समय की भी बचत होती थी इसीलिए, लोगो का इंट्रेस्ट पेट्रोल और डीजल की गाड़िओ की तरफ ज्यादा रहने लगा।
सन 1912 में सबसे ज्यादा बिकने वाली इलेक्ट्रिक गाड़ियां सन 1925 के बाद समाप्त होने लगी थी। और आज फिर से एक बार दुनिया इलेक्ट्रिक गाड़ियों की तरफ बढ़ रही है। आज के समय में दुनियाँ के पास ईंधन के रूप में इलेक्ट्रिसिटी से बेहतर उपाय नहीं है। आज दुनियाँ का हर एक देश Electric Vehicle इलेक्ट्रिक व्हीकल EV की तरफ आगे बढ़ रहा है।
यह भी पढ़ें :- इलेक्ट्रिक वाहनों में किस धातु का प्रयोग होता है? – What Metals Are Used In Electric Vehicles In Hindi
इलेक्ट्रिक व्हीकल कैसे काम करता है? Working of Electric Vehicle
हम सभीनें पेट्रोल और डीजल से चलने वाली गाड़ियों का अनुभव तो किया ही है। एक ऐसा दौर जा चूका था जब इलेक्ट्रिक गाडियां चलायी जाती थी। पर पृथ्वी की प्रदूषण की मजबूरी के वजह से यह EV का दौर वापस आ रहा है। जिसने इलेक्ट्रिसिटी से चलने वाले व्हीकल गाड़ियों को नहीं देखा हो, तो उसके मन में सवाल उठना लाजमी है कि इलेक्ट्रिक व्हीकल EV कैसे काम करता है?
दोस्तों Electric Vehicle इलेक्ट्रिक व्हीकल EV बिजली से चार्ज होकर चलता है। इनमें इलेक्ट्रिक कार, इलेक्ट्रिक स्कूटर, इलेक्ट्रिक बाइक और कोई भी Electric Vehicle इलेक्ट्रिक व्हीकल EV को चलाने के लिए इलेक्ट्रिसिटी (बिजली) का इस्तेमाल किया जाता है।
हम सबनें इलेक्ट्रिसिटी (बिजली) से चलने वाले कई मशीनें हमारे घरों में देखे होंगे। खासकर इंडस्ट्रीज की मशीनें हमेशा इलेक्ट्रिक से चलते हुए देखा है। हम अपने घरों की बात करे तो, हमारे घेरों में चलने वाला सीलिंग फैन, या इलेक्ट्रिक मोटर से चलने वाली आटा चक्की आदि Electric Vehicle इलेक्ट्रिक व्हीकल EV बिजली से चलती हैं। एक इलेक्ट्रिक पॉवर को मैकेनिकल ऊर्जा में कन्वर्ट करता है।
इलेक्ट्रिक व्हीकल के कार्य सिद्धान्त Working Principle of Electric Vehicle
Electric Vehicle इलेक्ट्रिक व्हीकल EV की वर्किंग पद्धति अन्य व्हीकल से बहुत आसान होता है। यहाँ इलेक्ट्रिक ऊर्जा को मैकेनिकल ऊर्जा में बदल दिया जाता है। इलेक्ट्रिक गाड़ियों में ईंधन की रूप में इलेक्ट्रिसिटी यानि बिजली का प्रयोग होता है। इलेक्ट्रिसिटी (बिजली) के लिए लीथियम आयरन बैटरी का प्रयोग किया जाता है। ऐसी ही बैटरी का इस्तेमाल हमारे मोबाइलों में भी किया जाता है।
ये बैटरी हमें DC करंट सप्लाई करती है। इस DC करंट की सप्लाई AC करंट में कन्वर्ट करने के लिए एक इन्वर्टर का इस्तेमाल किया जाता है। जैसा इन्वर्टर हमारे घरों में होता है वैसा ही काम इस इन्वर्टर का भी होता है। Electric Vehicle इलेक्ट्रिक व्हीकल EV बैटरी की क्षमता के आधार पर चलता है। Electric Vehicle इलेक्ट्रिक व्हीकल EV कितने किलो मीटर चलेगी ये बैटरी कैपेसिटी पर निर्भर होता है। इसमें लगने वाली यह बैटरी रिचार्जेबल होती है। यह बैटरी डिस्चार्ज होने के बाद इसे चार्ज करके दुबारा उपयोग किया जाता है।
इन्वर्टर से निकलने वाली AC करंट की सप्लाई 3 फेज मोटर को दिया जाता है और मोटर घूमती है। Electric Vehicle इलेक्ट्रिक व्हीकल EV में इंजन की स्थान पर मोटर और डीजल या पेट्रोल के स्थान पर बैटरी (बिजली) का प्रयोग किया जाता है।
यह भी पढ़ें :- 4 स्ट्रोक इंजन क्या है? – 4 Stroke Engine in Hindi
इलेक्ट्रिक व्हीकल के मुख्य भाग – Parts of Electric Vehicle
गाड़ियों की संरचना बहुत ही जोरदार होती है। अगर हम पेट्रोल और डीजल गाड़ियों की बात करें तो, ये गाड़ियों को जानना बहुत ही आसान है। इन गाड़ियों को समझने के लिए इनके मुख्य भागों को समझना आवश्यक है। यहाँ नीचे इलेक्ट्रिक व्हीकल EV के मुख्य भागों के बारे में दिया गया है।
बैटरी Battery
इलेक्ट्रिक गाड़ियों EV में बैटरी एक दिल के सामान होता है। इलेक्ट्रिक गाड़ियों EV का पूरा लोड बैटरी पर ही रहता है। एक तरह से बैटरी इलेक्ट्रिक कारों का ईंधन होता है। इसमें लगने वाली यह बैटरी रिचार्जेबल होती है। यह बैटरी डिस्चार्ज होने के बाद इसे चार्ज करके दुबारा उपयोग किया जाता है। इन बैटरियों में लेड एसिड और लिथियम आयरन का इस्तेमाल होता है। अधिकतर बैटरियाँ लिथियम आयरन की बनी होती हैं। इसकी क्षमता अधिक और अच्छी होती है और इनकी लाइफ भी अच्छी होती है।
बैटरी का मुख्य कार्य इलेक्ट्रिक मोटर को पॉवर देकर चलाना होता है। साथ ही गाड़ियों के सिग्नल, साइड लाइट और अन्य फक्शन के लिए इलेक्ट्रिक सप्लाई को पूरा करना होता है। चार्जिंग डिस्चार्जिंग होने के दौरान बैटरी अधिक गर्म हो जाती है। बैटरियों की इस गर्मी को दूर करने के लिए गैसोलीन का प्रयोग किया जाता है।
इलेक्ट्रिक मोटर Electric Motor
इलेक्ट्रिक गाड़ियों में 3 फेज मोटर का इस्तेमाल होता है। एक सामान्य मोटर को हम सबने देखा होगा। जिसे इलेक्ट्रिसिटी (बिजली) से चलाया जाता है। मोटर इलेक्ट्रिक ऊर्जा को मैकेनिकल ऊर्जा में बदलता है।
यह भी पढ़ें :- DC मोटर क्या है? – What is DC Motor in Hindi
यहाँ 3 फेज मोटर AC सप्लाई से चलयी जाती है। इस मोटर की स्पीड लगभग 18000 RPM तक होती है। यह मोटर इलेक्ट्रिक गाड़ियों को गति प्रदान करती है। मोटर की छमता जितनी अधिक होती है, उतना ही अधिक गाड़ी का टॉर्क होता है। परंतु इसमें बिजली की खपत भी अधिक होती है।
यह भी पढ़ें :- AC मोटर क्या है? – What is AC Motor in Hindi
इन्वर्टर Inverter
इलेक्ट्रिक गाड़ियों EV में इन्वर्टर का उपयोग बहुत महत्वपूर्ण होता है। जैसा इन्वर्टर हमारे घरों में होता है वैसा ही काम इस इन्वर्टर का भी होता है। बैटरी से प्राप्त इलेक्ट्रिसिटी DC करंट होता है। और हमें AC करंट 3 फेज मोटर को चलाना होता है, तो DC करंट सप्लाई को AC करंट में बदलना पड़ता है।
इन्वर्टर का मुख्य कार्य DC करंट को AC करंट में रूपांतर करता है। इन्वर्टर में बैटरियों का इनपुट दिया जाता है। तथा आउटपुट गाड़ियों की मोटर और अन्य जगह में प्रयोग होता है। इन्वर्टर सप्लाई की तीव्रता को भी कण्ट्रोल करता है। जिसके कारण मोटर की स्पीड कम और ज्यादा हो पाती है।
चार्जिंग पॉइंट Charging Point
सभी EV इलेक्ट्रिक स्कूटर या कार, हर एक इलेक्ट्रिक व्हीकल EV में एक चार्जिंग पॉइंट जरूर होता है। इस चार्जिंग पॉइंट से गाड़ियों की बैटरी चार्ज होती है। चार्जिंग पॉइंट बाहर के पावर सप्लाई के साथ प्लग से जोड़ा जाता है जिससे बैटरियाँ चार्ज होती है। बैटरियों को चार्ज रखना एक जरुरी प्रक्रिया होती है। इसीलिए चार्जिंग पॉइंट का इस्तेमाल लगभग रोज करना होता है।
बैटरी मेनेजमेंट सिस्टम Battery Management System (BMS)
इलेक्ट्रिक व्हीकल EV की सबसे बड़ी समस्या को दूर करने वाला भाग बैटरी मेनेजमेंट सिस्टम Battery Management System (BMS) होता है। इलेक्ट्रिक गाड़ियों EV में बहुत सारे बैटरी सेल्स का इस्तेमाल होता है। इनकी चार्जिंग और डिस्चार्जिंग की प्रक्रिया चलती रहती है। बैटरी सेल्स के चार्जिंग और डिस्चार्जिंग की प्रक्रिया के दौरान वोल्टेज और करंट का स्थिर रहना जरुरी होता है।
बैटरी के सभी सेल्स एक साथ चार्ज और डिस्चार्ज होना जरुरी होता है। बैटरी की UN बराबर चार्जिंग प्रक्रिया से बैटरी बहुत जल्दी खराब होती है। बैटरी मेनेजमेंट सिस्टम Battery Management System (BMS) इन सभी प्रक्रियाओं को मैनेज करता है। चार्जिंग डिस्चार्जिंग की प्रक्रियाओं को नियंत्रित करता है। शरुआत में यह एक बड़ी समस्या थी जिसे बैटरी मेनेजमेंट सिस्टम Battery Management System (BMS) द्वारा दूर किया गया।
पॉवर कंट्रोल यूनिट Power Control Unit (PCU)
इलेक्ट्रिक व्हीकल Electric Vehicle में सबसे खास काम पावर कण्ट्रोल यूनिट का होता है। (PCU) एक इलेक्ट्रिक व्हीकल Electric Vehicle के माइंड का काम करता है, और इलेक्ट्रिक व्हीकल Electric Vehicle के नियत्रण का काम भी करता है। इलेक्ट्रिक व्हीकल Electric Vehicle के कण्ट्रोल की पूरी जिम्मेदारी (PCU) की होती है। इलेक्ट्रिक व्हीकल Electric Vehicle की स्पीड, बैटरी, सेफ्टी और RPM जैसे सभी पैरामीटर हमें (PCU) से मिलते हैं। बैटरी की चार्जिंग डिस्चार्जिंग की प्रक्रिया भी हमें (PCU) के द्वारा पता चलता है। मोटर का कितना आउटपुट मिलता है, यह हमें (PCU) से ही पता चलता है। इलेक्ट्रिक गाड़ियों की सुरक्षा के सिग्नल भी हमें (PCU) से मिलता है।
रिजनरेटिव ब्रेकिंग यूनिट Regenerative Breaking Unit
रिजनरेटिव ब्रेकिंग यूनिट Regenerative Breaking Unit इलेक्ट्रिक व्हीकल Electric Vehicle को रोकने के लिए होता है। यह रिजनरेटिव ब्रेकिंग यूनिट Regenerative Breaking Unit सिस्टम की एक खासियत यह होती है कि, जब हम ब्रेक लगाते हैं तब इलेक्ट्रिसिटी जनरेट होती है, और यह इलेक्ट्रिसिटी से भी बैटरी चार्ज हो जाती है।
इलेक्ट्रिक व्हीकल Electric Vehicle में जब ब्रेक लगाते है, तो इलेक्ट्रिक सप्लाई कट जाता है। पर काइनेटिक एनर्जी के कारण मैकेनिकल ऊर्जा मिलती है। इसीलिए मोटर भी जनरेटर की तरह ही काम करने लगती है।
इलेक्ट्रिक व्हीकल के लाभ Advantage of Electric Vehicle
- इलेक्ट्रिक व्हीकल Electric Vehicle में सबसे बड़ा लाभ यह है ये प्रदूषण को कम करता है। आज दुनिया ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्या से जूझ रहा है। धीरे धीरे प्रदूषण की मात्रा इतनी बढ़ रही है की, आने वाले समय में मानव का जीवन मुश्किल हो जायेगा।
- प्रदूषण कम करने में इलेक्ट्रिक व्हीकल बहुत बड़ा रोल निभाती हैं।
- यातायात खर्च बहुत कम होती है। पेट्रोल और डीजल की तुलना में EV में ये खर्चा बहुत कम हो जाता है। पेट्रोल और डीजल के दाम अधिक तथा बिजली सस्ता पड़ता है।
- जहां आज पेट्रोल गाड़ी की यातायात खर्च 5 से लेकर 15 रुपये तक है, वहीं इलेक्ट्रिक गाड़ियों में 1 रुपये से भी कम यातायात खर्च रहती है।
- इलेक्ट्रिक गाड़ियों में बहुत कम मैंटेनैंस खर्च रहता है, इसमें इंजन नहीं होता है, लगभग जीरो मैंटेनैंस कहा जा सकता है।
- इलेक्ट्रिक व्हीकल EV में पॉवर व्यर्थ नहीं होती, इंजन की तुलना में एनर्जी व्यर्थ बहुत कम होता है।
- इलेक्ट्रिक मोटर में अक्सेलरेशन टाइम बहुत कम होता है, यानि कि स्टार्टिंग टॉर्क ज्यादा होता है।
इलेक्ट्रिक व्हीकल के नुकसान Disadvantage of Electric Vehicle
- इलेक्ट्रिक व्हीकल Electric Vehicle का सबसे बड़ा नुकसान है इसकी माइलेज। एक सिंगल चार्जिंग के बाद इसकी माइलेज कैपेसिटी कम होती है। इसीलिए, लम्बी यात्रा पर ले जाना सही नहीं होता। आज हर इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली कंपनियॉं इस विषय पर काम कर रही है।
- बैटरी को चार्ज करने में ज्यादा समय लगता है। और आज किसी के पास भी समय नहीं है। ऐसे में घंटो तक चार्जिंग के लिए वेट करना ठीक नहीं होता। पर अच्छी बात ये है कि फ़ास्ट चार्जिंग से यह समय 6 घंटे की जगह 1 घंटे हो गयी है।
- इलेक्ट्रिक कारों में बैटरी की कॉस्ट सबसे ज्यादा है। आमतौर पर बैटरी की लाइफ 3 साल से 5 साल तक होती है। बैटरी बदलने की कीमत ज्यादा होने से एक बड़ा बोझ पड़ता है। इसमें भी हर कम्पनी की R. & D. टीम बैटरी की लाइफ इन्क्रीज करने के काम में लगी हुई है।
- इलेक्ट्रिक व्हीकल Electric Vehicle की कीमत बहुत ज्यादा होती है। गाड़ियां लेना हर किसी के लिए सपना होता है।
- पेट्रोल और डीजल गाड़ियों की तुलना में इलेक्ट्रिक व्हीकल Electric Vehicle की कीमत बहुत ज्यादा होती है। पेट्रोल कार से लगभग डबल कीमत हो सकती है। इसमें सरकार भी सब्सिडी देकर गैप को कम करने की कोशिस कर रही है।
- हमारे देश में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप नहीं है, सभी जगह चार्जिंग स्टेशन अभी बने नहीं हैं। हर एक राज्य की सरकार ने शरुआत की है पर इसपे फ़ास्ट काम होना जरुरी है।
निष्कर्ष
दोस्तों आज हमनें पढ़ा, इलेक्ट्रिक वाहन क्या है? – What is Electric Vehicle in Hindi, इलेक्ट्रिक गाड़ियों का इतिहास – History of Electric Vehicle, इलेक्ट्रिक व्हीकल कैसे काम करता है? Working of Electric Vehicle, इलेक्ट्रिक व्हीकल के कार्य सिद्धान्त Working Principle of Electric Vehicle, इलेक्ट्रिक व्हीकल के मुख्य भाग – Parts of Electric Vehicle, इलेक्ट्रिक व्हीकल के लाभ Advantage of Electric Vehicle, इलेक्ट्रिक व्हीकल के नुकसान Disadvantage of Electric Vehicle, निष्कर्ष आदि, आर्टिकल को पूरा पढ़नें के लिए धन्यवाद, हमें फीडबैक देना ना भूलें।
very useful knowledge which can understood very easily
thank you
इस लेख में इलेक्ट्रिक वाहन के बारे में बोहोत अच्छी जानकारी दिए हुए है
आपने बोहोत अदभुत लेख लिखा है इस से मुझ बोहोत अच्छी जानकारी मिलि है
thankyou
Pingback: इलेक्ट्रिक वाहनों के लाभ - Benefits of Electric Vehicles in Hindi - Mechanical Wala
Pingback: लिथियम आयन बैटरी क्या है? - What is Lithium ion Battery in Hindi - Mechanical Wala
Pingback: इलेक्ट्रिक वाहनों में किस धातु का प्रयोग होता है? - What Metals Are Used in Electric Vehicles in Hindi - Mechanical Wala